Mythological Story – Mor Pankh

श्री कृष्ण के लीला काल का समय था, गोकुल में एक मोर रहता था, वह मोर बहुत चतुर था और श्री कृष्ण का भक्त था, वह श्री कृष्ण की कृपा पाना चाहता था। इसके लिए उस मोर ने एक युक्ति सोची वह श्री कृष्ण के द्वार पर जा पहुंचा, जब भी श्री कृष्ण द्वार से … Read more

Emotional Story – Talaak

Emotional Story कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को छू लिया.  करीब 7 बजे होंगे, शाम को मोबाइल बजा । उठाया तो उधर से रोने की आवाज… मैंने शांत कराया और पूछा कि भाभीजी आखिर हुआ क्या? उधर से आवाज़ आई. आप कहाँ हैं??? और कितनी देर में आ … Read more

Emotional Story – Baap Beti Ka Rishta

Emotional Story बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है क्यों, चलिए आज आपको विस्तार से बताता हूं ।। बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर कर के रोता है।। ❇️माँ बेटी के रिश्तों पर तो … Read more

Inspirational Story – Neki Kar Dariya Mein Daal

Inspirational Story एक नगर के बहुत बड़े सेठ का देहांत हो गया. उसका एक बेटा था, जो सोचने लगा, कौन आयेगा मेरे पिताजी के अंतिम संस्कार में. जीवन भर तो इन्होनें कोई पुण्य, कोई दान धर्म नही किया, बस पैसे के पीछे भागते रहें. सब लोग कहते है ये तो कंजूसों के भी कंजूस थे, … Read more

Mythological Story – सुदामा दरिद्र क्यों ???

मेरे मन में सुदामा के सम्बन्ध में एक बड़ी शंका थी कि एक विद्वान् ब्राह्मण अपने बाल सखा कृष्ण से छुपाकर चने कैसे खा सकता है ??? आज भागवत के इस प्रसंग में छुपे रहस्य को आपसे साझा करना जरुरी समझता हूँ ताकि आप भी समाज में फैली इस भ्रान्ति को दूर कर सकें। गुरुदेव … Read more

Kahani – स्वर्गलोक की करेंसी

कल रात मैंने एक “सपना” देखा. मेरी Death हो गई. जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे, इसलिये यमराज मुझे स्वर्ग में ले गये. देवराज इंद्र ने मुस्कुराकर मेरा स्वागत किया. हाथ में Bag देखकर पूछने लगे ”इसमें क्या है?” मैंने कहा ” इसमें मेरे जीवन भर की कमाई है, पांच करोड़ रूपये हैं ।” इन्द्र ने  ‘BRP-16011966’ … Read more

Kahani – भगवान पर भरोसा

एक पुरानी सी इमारत में था वैद्यजी का मकान था। पिछले हिस्से में रहते थे और अगले हिस्से में दवाख़ाना खोल रखा था। उनकी पत्नी की आदत थी कि दवाख़ाना खोलने से पहले उस दिन के लिए आवश्यक सामान एक चिठ्ठी में लिख कर दे देती थी। वैद्यजी गद्दी पर बैठकर पहले भगवान का नाम … Read more

Kahani – Pita ka Shraadh

“अरे! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहीं होता . अस्सी पार चुके हैं . अब बस सेवा कीजिये .” डाक्टर पिता जी को देखते हुए बोला . “डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा . साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है .” “शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही कर सकता हूँ … Read more

Kahani – प्रशासनिक अधिकारी

चार महीने बीत चुके थे, बल्कि 10 दिन ऊपर हो गए थे, किंतु बड़े भइया की ओर से अभी तक कोई ख़बर नहीं आई थी कि वह पापा को लेने कब आएंगे. यह कोई पहली बार नहीं था कि बड़े भइया ने ऐसा किया हो. हर बार उनका ऐसा ही रवैया रहता है. जब भी … Read more