Kahani – जाना है भवपार

एक निर्धन विद्वान व्यक्ति चलते चलते पड़ोसी राज्य में पहुँचा। संयोग से उस दिन वहाँ हस्तिपटबंधन समारोह था जिसमें एक हाथी की सूंड में माला देकर नगर में घुमाया जाता था। वह जिसके गले में माला डाल देता था उसे 5 वर्ष के लिए वहां का राजा बना दिया जाता था। वह व्यक्ति भी समारोह … Read more

Kahani – डॉ. श्रीकांत जिचकर

” अद्भुत , अकल्पीय किन्तु सच ” आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए जो, डॉक्टर भी रहा हो,  बैरिस्टर भी रहा हो,  IPS अधिकारी भी रहा हो,  IAS अधिकारी भी रहा हो,  विधायक, मंत्री, सांसद भी रहा हो,  चित्रकार, फोटोग्राफर भी रहा हो,  मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा … Read more

Kahani – अतुल्य भारत

हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल-मूत्र त्यागने तक खड़ा रहता था ताकि बैल आराम से यह नित्यकर्म कर सके, यह आम चलन था। हमनें यह सारी बातें बचपन में हम अपने पुरखों से … Read more

Kahani – संघर्ष

एक बार एक किसान भगवान् से बड़ा नाराज हो गया। कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जायें। हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी खराब हो जाती थी। एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने भगवान् से कहा, “देखिये प्रभु … Read more

Kahini – Safal Jeevan

एक सेठ बड़ा साधु सेवी था। जो भी सन्त महात्मा नगर में आते वह उन्हें अपने घर बुला कर उनकी सेवा करता। एक बार एक महात्मा जी सेठ के घर आये। सेठानी महात्मा जी को भोजन कराने लगी। सेठ जी उस समय किसी काम से बाज़ार चले गये। भोजन करते करते महात्मा जी ने स्वाभाविक … Read more

Kahani – Swarth ya Paropkaar?

एक छोटे बच्चे के रूप में, मैं बहुत स्वार्थी था, हमेशा अपने लिए सर्वश्रेष्ठ चुनता था। धीरे-धीरे, सभी दोस्तों ने मुझे छोड़ दिया और अब मेरे कोई दोस्त नहीं थे। मैंने नहीं सोचा था कि यह मेरी गलती थी, और मैं दूसरों की आलोचना करता रहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझे जीवन में मदद … Read more

Kahani – Tulsi Chauraha

एक बार तुलसीदास जी महाराज को किसी ने बताया की जगन्नाथ जी में तो साक्षात भगवान ही दर्शन देते हैं बस फिर क्या था सुनकर तुलसीदास जी महाराज तो बहुत ही प्रसन्न हुए और अपने इष्टदेव का दर्शन करने श्रीजगन्नाथपुरी को चल दिए। महिनों की कठिन और थका देने वाली यात्रा के उपरांत जब वह … Read more

Kahani – Sarthak Jeevan

हरी घास के बीच एक सुखी घास का तिनका पड़ा था। उसे देखकर हरी घास उस सूखे तिनके के निष्क्रिय, अर्थहीन जीवन पर खिलखिला कर हँस पड़ी और हँसते-हँसते वह उससे कहने लगी, ‘अरे! सूखे रसहीन तिनके, तेरा हम हरे-भरों के बीच में क्या काम?’ हरी घास का यह ताना सुनकर सूखे तिनके को अपने … Read more

Kahani – Satsang ki Shakti

एक बार वशिष्ठ जी विश्वामित्र ऋषि के आश्रम में गये। उनने बड़ा स्वागत सतकार और आतिथ्य किया। कुछ दिन उन्हें बड़े आदरपूर्वक अपने पास रखा। जब वशिष्ठ जी चलने लगे तो विश्वामित्र ने उन्हें एक हजार वर्ष की अपनी तपस्या का पुण्य फल उपहार स्वरूप दिया। बहुत दिन बाद संयोगवश विश्वामित्र भी वशिष्ठ के आश्रम … Read more

Kahani – Prarabdh aur Ahankaar

एक गृहस्थ भक्त अपनी जीविका का आधा भाग घर में दो दिन के खर्च के लिए पत्नी को देकर अपने गुरुदेव के पास गया । दो दिन बाद उसने अपने गुरुदेव को निवेदन किया के अभी मुझे घर जाना है। मैं धर्मपत्नी को दो ही दिन का घर खर्च दे पाया हूं । घर खर्च … Read more