Kahani – Radhe Krishna

एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद, श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया। दूध ज्यदा गरम होने के कारण श्री कृष्ण के हृदय में लगा और उनके श्रीमुख से निकला- ” हे राधे ! ” सुनते ही रुक्मणी बोली- प्रभु ! ऐसा क्या है राधा जी में, जो आपकी हर साँस पर उनका ही … Read more

Kahani – Swarth ya Paropkaar?

एक छोटे बच्चे के रूप में, मैं बहुत स्वार्थी था, हमेशा अपने लिए सर्वश्रेष्ठ चुनता था। धीरे-धीरे, सभी दोस्तों ने मुझे छोड़ दिया और अब मेरे कोई दोस्त नहीं थे। मैंने नहीं सोचा था कि यह मेरी गलती थी, और मैं दूसरों की आलोचना करता रहता था लेकिन मेरे पिता ने मुझे जीवन में मदद … Read more

Kahani – मन चंगा तो कठौती में गंगा

एक बार की बात है, एक परिवार में पति पत्नी एवं बहू बेटा याने चार प्राणी रहते थे। समय आराम से बीत रहा था। चंद वर्षो बाद सास ने गंगा स्नान करने का मन बनाया। वो भी अकेले पति पत्नी। बहू बेटा को भी साथ ले जाने का मन नहीं बनाया। उधर बहू मन में … Read more

Kahani – Tulsi Chauraha

एक बार तुलसीदास जी महाराज को किसी ने बताया की जगन्नाथ जी में तो साक्षात भगवान ही दर्शन देते हैं बस फिर क्या था सुनकर तुलसीदास जी महाराज तो बहुत ही प्रसन्न हुए और अपने इष्टदेव का दर्शन करने श्रीजगन्नाथपुरी को चल दिए। महिनों की कठिन और थका देने वाली यात्रा के उपरांत जब वह … Read more

Kahani – Neend Kharab Kyun Ki?

बेटे के जन्मदिन पर ….. रात के 1:30 बजे फोन आता है, बेटा फोन उठाता है तो माँ बोलती है:- “जन्म दिन मुबारक लल्ला” बेटा गुस्सा हो जाता है और माँ से कहता है: – सुबह फोन करती। इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देता है। थोडी देर बाद पिता … Read more

Kahani – Sarthak Jeevan

हरी घास के बीच एक सुखी घास का तिनका पड़ा था। उसे देखकर हरी घास उस सूखे तिनके के निष्क्रिय, अर्थहीन जीवन पर खिलखिला कर हँस पड़ी और हँसते-हँसते वह उससे कहने लगी, ‘अरे! सूखे रसहीन तिनके, तेरा हम हरे-भरों के बीच में क्या काम?’ हरी घास का यह ताना सुनकर सूखे तिनके को अपने … Read more

kahani – लड्डू गोपाल की मूर्ति

हर समय माला लेकर बैठे रहते हो । कुछ पैसे धेले का इंतजाम करो लड़की के लिए लड़का नहीं देखना । निर्मला ने रोज की तरह सुबह से ही बड़बड़ाना शुरु कर दिया। ईश्वर पर विश्वास रखो , समय पर सब हो जाएगा । चौबे जी ने अपना गमछा संभालते हुए कहा । ईश्वर तो … Read more

Kahani – Satsang ki Shakti

एक बार वशिष्ठ जी विश्वामित्र ऋषि के आश्रम में गये। उनने बड़ा स्वागत सतकार और आतिथ्य किया। कुछ दिन उन्हें बड़े आदरपूर्वक अपने पास रखा। जब वशिष्ठ जी चलने लगे तो विश्वामित्र ने उन्हें एक हजार वर्ष की अपनी तपस्या का पुण्य फल उपहार स्वरूप दिया। बहुत दिन बाद संयोगवश विश्वामित्र भी वशिष्ठ के आश्रम … Read more

Kahani – सोमनाथ शर्मा : परमवीर चक्र विजेता की शौर्य गाथा

इतिहास साक्षी है, कि हमारा देश कि मिट्टी ऐसी है, जो कि देशहित, मानवहित के लिए देश के अनेक वीरों ने अपने प्राण मुस्कुराते हुये मृात भूमि पर सर्वत्र न्यौछावर कर बलिदान, शौर्य, निर्भीकता,  कर्तव्य परायणता की गाथा के रूप में इतिहास के स्वर्णिम पन्नों पर दर्ज हो गये। जो कि आज की चकाचौंध स्वार्थी … Read more

Kahani – Maa Baap ki Seva

शाम को दफ़्तर से घर आते समय देखा कि एक छोटा-सा बोर्ड रेहड़ी की छत से लटक रहा था जिस पर मार्कर से लिखा हुआ था: घर मे कोई नही है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, मुझे थोड़ी-थोड़ी देर में उन्हें खाना, दवा और हाजत कराने के लिए घर जाना पड़ता है, अगर आपको जल्दी … Read more